रतन टाटा ने अपनी उदारता, उद्योग नीति, और समाज सेवा के माध्यम से देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाई थी. उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल व्यावसायिक क्षेत्रों में, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और परोपकार के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दिया. उनकी मृत्यु से उद्योग और समाज को एक बड़ी क्षति हुई है, जिसे लंबे समय तक महसूस किया जाएगा.