उनकी नाराजगी का केंद्र यह है कि महागठबंधन में पार्टी को पर्याप्त सीटें नहीं दी जा रही हैं, जिससे उनकी राजनीतिक पहचान और प्रभाव को नुकसान पहुंच रहा है. (PHOTOS: Shadab Khan)
विरोध प्रदर्शन का आयोजन आरपीआई के मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय में किया गया, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि महायुति, जिसमें प्रमुख पार्टियां शामिल हैं, ने रिपब्लिकन पार्टी को चुनावी रणनीति में बराबर की हिस्सेदारी नहीं दी है.
उनके अनुसार, पार्टी की लोकप्रियता और राजनीतिक योगदान को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि वे वर्षों से गठबंधन के समर्थन में खड़े रहे हैं. आरपीआई के प्रमुख नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर महायुति के निर्णयों की आलोचना की.
उनका कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन पिछले कई चुनावों में महायुति को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन वर्तमान में सीट बंटवारे के फैसलों में पार्टी को जानबूझकर दरकिनार किया जा रहा है.
आरपीआई के नेताओं ने महायुति के शीर्ष नेताओं से अपील की है कि वे जल्द से जल्द सीट बंटवारे पर पुनर्विचार करें और रिपब्लिकन पार्टी को उसकी राजनीतिक स्थिति के अनुसार सम्मानजनक सीटें आवंटित करें.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे भविष्य में भी बड़े पैमाने पर आंदोलन करने से नहीं हिचकिचाएंगे.
इस विरोध प्रदर्शन ने महायुति के भीतर असंतोष की लहर को उजागर कर दिया है. आरपीआई के इस कदम ने गठबंधन के भीतर बातचीत और समझौते की संभावनाओं को और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि महायुति उनके साथ उचित व्यवहार नहीं करती है, तो वे अलग राह पकड़ सकते हैं. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि महायुति के शीर्ष नेता इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और क्या वे रिपब्लिकन पार्टी की मांगों को पूरा कर पाते हैं या नहीं.
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