रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मतदाता सूची में जो अनियमितताएं सामने आई हैं, वह लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. Pic/Ashish Raje
उन्होंने साफ चेतावनी दी — “हम इस मामले को अदालत में ले जाएंगे. अगर हमें न्याय नहीं मिला, तो जनता तय करेगी कि ऐसे चुनावों को स्वीकार किया जाए या नहीं.”
उद्धव ने सत्ताधारी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि "फर्जी मतदाताओं के सहारे सत्ता पाने की साजिश रची जा रही है."
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने तीखे भाषण में सीधे चुनाव आयोग पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, “मेरे पास सबूत हैं कि कल्याण, भिवंडी और मुरबाद के 4,500 मतदाता मालाबार हिल विधानसभा क्षेत्र में वोट डालते पाए गए. यह तो बस एक झलक है, असली आंकड़ा लाखों में हो सकता है.”
राज ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि अगर मतदान के दिन किसी केंद्र पर फर्जी मतदाता नजर आए, तो “पहले उसे सबक सिखाओ, फिर पुलिस को सौंपो.”
उन्होंने कहा कि यह रैली सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि “दिल्ली को संदेश देने की ताकत” है कि महाराष्ट्र वोट चोरी बर्दाश्त नहीं करेगा.
विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से बार-बार मतदाता सूची में सुधार की मांग की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने पर अब ये दल अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं.
रैली में माहौल बेहद जोशीला था — “सत्याचा विजय होवो” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.
विपक्ष ने यह भी संकेत दिया कि अगर प्रशासन ने समय रहते मतदाता सूची में पारदर्शिता नहीं लाई, तो वे राज्यभर में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे.
यह मोर्चा अब महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्ष की एकजुटता और आक्रोश का प्रतीक बन गया है — और सत्ता पक्ष के लिए एक नया सिरदर्द भी.
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