तस्वीरें-मिड-डे
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा के संबंध में विभिन्न पुलिस स्टेशनों में पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
औरंगजेब की कब्र को लेकर दक्षिणपंथी विरोध प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय की पवित्र पुस्तक को जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद सोमवार शाम को नागपुर के महल इलाके में झड़पें शुरू हो गईं. करीब 1,000 लोगों की भीड़ ने बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई वाहनों और घरों को नुकसान पहुंचा.
नागपुर के संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया और उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की अपील की. बावनकुले ने गृह विभाग का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी घायल होने के बावजूद दोनों समुदायों के बीच खड़े रहे, ताकि स्थिति और न बिगड़े.
कमिश्नर सिंघल ने पुष्टि की कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, और पुलिस ने और अधिक अशांति को रोकने के लिए मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है. धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि स्थिति और न बिगड़े.
अधिकारी सीसीटीवी फुटेज और वीडियो साक्ष्य का उपयोग करके शामिल लोगों की पहचान करते हुए तलाशी अभियान चला रहे हैं.
पुलिस ने लोगों से शांत रहने, गलत सूचना फैलाने से बचने और कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की है. जांच जारी है, और पुलिस द्वारा झड़पों में शामिल अपराधियों की पहचान करने के साथ ही और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है.
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