दुर्घटना रात के समय हुई और इसका पता सुबह चला जब स्थानीय निवासियों ने अलार्म बजाया. इमारत पुरानी और खाली थी, लेकिन सागर निकम वहां केयरटेकर के रूप में रहते थे. Pic/Shadab Khan
घटना में पहली मंजिल की छत का 8x8 वर्ग फीट का हिस्सा गिर गया, जो नीचे की मंजिल और फिर ग्राउंड फ्लोर पर आ गिरा.
निकम इस मलबे में दब गए. मुंबई फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर मलबा हटाया और निकम को निकालकर जे जे अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
इमारत में तीन विंग थे - ए, बी और सी. ए विंग में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कमरे किराए पर दिए गए थे.
सागर निकम इन कमरों की देखभाल करते थे और रात में वहीं सोते थे.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि घटना के कुछ महीने पहले म्हाडा द्वारा इमारत की मरम्मत की गई थी, इसके बावजूद यह दुर्घटना हुई.
म्हाडा के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत 100 साल से भी पुरानी थी और छह से आठ महीने पहले मरम्मत की गई थी.
हालांकि, लकड़ी के फ्लोरिंग और झूठी छतों के कारण यह समस्या ऑडिट में पकड़ में नहीं आई.
अधिकारी ने यह भी कहा कि अब इमारत के तीनों विंग के पुनर्विकास का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.
इस दर्दनाक घटना ने पुराने भवनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर ऐसे मामलों में जहां मरम्मत के बाद भी खतरा बना रहता है.
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