बीएमसी ने स्वच्छ मुंबई प्रबोधन योजना को खत्म करने का फैसला किया है और हजारों गरीब स्वयंसेवकों की जगह एक ठेकेदार को ले लिया है. Pic/Sayyed Sameer Abedi
गायकवाड़ ने इसे एक बड़ा घोटाला बताते हुए कहा, `बीएमसी इस काम के लिए लगभग 1,200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.`
गायकवाड़ ने आगे कहा, `जनता के हक के लिए हम लड़ते रहेंगे. सरकार चाहे पुलिस को आगे करे या कितने भी ज़ुल्म करे, हम न्याय का हक मिलने तक लड़ते रहेंगे.`
सोशल मीडिया पर आंदोलन की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कांग्रेस मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने लिखा, ` उठो जैसे दरिया में उठती है मौज, उठो जैसे आँधी की बढ़ती है फ़ौज, उठो बर्क़ की तरह हँसते हुए, कड़कते गरजते बरसते हुए, ग़ुलामी की ज़ंजीर को तोड़ दो, ज़माने की रफ़्तार को मोड़ दो.`
हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) नेता विरोध प्रदर्शन में दिखाई नहीं दिए. इस पर बात करते हुए. वर्षा गायकवाड़ ने कहा, `यूबीटी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे. यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे और सचिन अहीर शहर में नहीं हैं. मैंने उनसे बात की थी, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोर्चे में भाग लिया.`
इस बीच, शरद पवार गुट की नेता राखी जाधव ने बीएमसी में एकतरफा निर्णय लेने की आलोचना करते हुए कहा, `परिणामस्वरूप, विपक्षी पार्टी के विधायकों और सांसदों के निर्वाचन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है.`
वर्षा गायकवाड़ ने दावा किया, `हमें नागरिक प्रमुख आईएस चहल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई. बीएमसी मुख्यालय के सभी गेट बंद कर दिए गए. हमने एक पुलिस अधिकारी से हमारे प्रतिनिधिमंडल को नागरिक प्रमुख से मिलने की अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन हमें मिलने से मना कर दिया गया.
नागरिक प्रमुख आईएस चहल ने कहा, `मैं सुबह इंडिया ग्लोबल फोरम के वार्षिक निवेश शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा था, जो पूर्व निर्धारित था.` चहल ने कहा, `उन्होंने मुझे मोर्चे के बारे में 24 घंटे पहले सूचित किया था.`
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