तस्वीरों में आप देख सकते है कि सभी महिलाओं ने गोल्डन बॉर्डर वाली ऑफ-व्हाइट कलर की साड़ी पहनी हैं.
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह त्योहार स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य प्राप्ति का पर्व है. इन महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की.
गणगौर का त्योहार होली से शुरू होकर नवरात्रि के तीसरे दिन तक मनाया जाता है.
गणगौर पूजन सिर्फ सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जो सामाजिक एकता, साझा, संवेदनशीलता और भाईचारे को बढ़ावा देती है.
इस त्योहार में मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है. कथित तौर पर मां पार्वती ने भी अखण्ड सौभाग्य की कामना से कठोर तपस्या की थी.
मां पार्वती ने उसी तप के प्रताप से भगवान शिव को पाया.
कथित तौर पर इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री जाति को सौभाग्य का वरदान दिया था. शास्त्रों के अनुसार तभी से इस व्रत को करने की प्रथा आरम्भ हुई.
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