Updated on: 06 January, 2025 08:24 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
आगे की जानकारी का इंतजार है. इस बीच, राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एचएमपीवी की जांच के उपायों और इसके प्रसार को रोकने के लिए एक बैठक बुलाई.
सोमवार को बेंगलुरु में फेस मास्क के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता फैलाने वाली दीवार पर लगे भित्तिचित्र के पास से पैदल चलते लोग. तस्वीर/एएफपी
चेन्नई में दो बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की पुष्टि हुई है और उनका इलाज चल रहा है, सोमवार को एक स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शहर से रिपोर्ट किए गए ये पहले मामले हैं, बच्चों का इलाज दो अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. आगे की जानकारी का इंतजार है. इस बीच, राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एचएमपीवी की जांच के उपायों और इसके प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई.
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रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों का पता चलने के बाद, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को राष्ट्रीय राजधानी में सभी आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया. अपने निर्देश में, भारद्वाज ने जोर दिया कि सभी अस्पतालों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मार्गदर्शन के अनुरूप श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि का प्रबंधन करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए.
भारद्वाज ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को प्रतिदिन तीन अस्पतालों का निरीक्षण करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, एएनआई ने बताया. उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य सचिव आवश्यक दवा सूची (ईडीएल), दवाओं और आईसीयू बेड की उपलब्धता, उपकरणों की स्थिति और पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसोर्प्शन) संयंत्रों की स्थिति पर रिपोर्ट देंगे."
एचएमपीवी एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त श्वसन वायरस है जिसने हाल ही में चीन में प्रकोप की सूचना के बाद ध्यान आकर्षित किया. यह एक वायरल रोगज़नक़ है जो सभी आयु समूहों के व्यक्तियों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है. हालांकि कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारों ने जनता को आश्वस्त किया है कि चिंता का कोई कारण नहीं है, दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया है.
कर्नाटक में तीन मामलों में से दो की पहचान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा विभिन्न श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी. तीन महीने की एक बच्ची को ब्रोन्कोन्यूमोनिया की शिकायत थी और उसे बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. 3 जनवरी को आठ महीने के एक बच्चे को ब्रोन्कोन्यूमोनिया की शिकायत थी और उसे बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंत्रालय ने बताया कि अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है.
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