Updated on: 10 November, 2024 10:03 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महान सारंगी वादक पंडित राम नारायण, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपने अप्रतिम योगदान से विश्वभर में नाम कमाया, का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
Pandit Ram Narayan
भारत के प्रसिद्ध सारंगी वादक पंडित राम नारायण का शुक्रवार, 8 नवंबर को 97 वर्ष की आयु में उनके बांद्रा स्थित आवास पर निधन हो गया. उन्हें पद्म विभूषण और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के अलावा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.
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25 दिसंबर, 1927 को राजस्थान के उदयपुर के पास जन्मे पंडित राम नारायण एक ऐसे परिवार से थे, जो संगीत से गहराई से जुड़ा हुआ था. उन्होंने सारंगी को एक संगत वाद्य से बदलकर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में एक प्रतिष्ठित एकल वाद्य बना दिया. उनकी कलात्मकता उनकी असाधारण प्रतिभा और सारंगी के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है. उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के बीच, उनका संगीत संगीत प्रेमियों की पीढ़ियों को प्रेरित और प्रतिध्वनित करता रहेगा.
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पंडित राम नारायण को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित सारंगी वादक पंडित राम नारायण जी के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ है. पंडित राम नारायण ने अपने शानदार प्रदर्शन से सारंगी को वैश्विक ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनकी सारंगी की ध्वनि दिलों और स्वर्ग को छूती थी."
जगविख्यात सारंगीवादक पद्मविभूषण पंडित राम नारायण यांच्या निधनाचे वृत्त समजून दुःख झाले. पंडित राम नारायण यांनी आपल्या अद्भुत वादनातून सारंगी हे वाद्य आंतरराष्ट्रीय स्तरावर नेले. त्यांच्या सारंगीचे स्वर हृदयस्पर्शी व स्वर्गीय आनंद देणारे होते.
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) November 9, 2024
उन्होंने आगे कहा, "सच्ची भारतीय परंपरा के अनुसार पंडित नारायण ने सारंगी का ज्ञान भारत और विदेश के कई शिष्यों को दिया. उनका दिव्य संगीत सदियों तक जीवित रहेगा. उनके निधन के साथ ही सारंगी का एक युग समाप्त हो गया है."
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