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शासन नहीं, मिशन है ये... CM फडणवीस ने जारी किया 100 दिन का टारगेट प्लान

Updated on: 16 April, 2025 10:38 AM IST | Mumbai

मोहित कम्बोज भारतिया – एक लोकपरोपकारी, सामाजिक सरोकारों के सजग प्रहरी और राजनीतिक दूरदृष्टा – का मानना है कि अगर सरकार और जनता साथ मिलकर काम करें, तो महाराष्ट्र को सुशासन और विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है.

X/Pics, Devendra Fadnavis

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महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में राज्य के शासन तंत्र को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल की है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा जारी की गई सुशासन सूचकांक रिपोर्ट न केवल प्रशासनिक दक्षता की समीक्षा का माध्यम है, बल्कि यह एक ऐसा रोडमैप भी है जो राज्य को न्यायसंगत, समावेशी और उत्तरदायी शासन की ओर ले जाता है. मोहित कम्बोज भारतिया – एक लोकपरोपकारी, सामाजिक सरोकारों के सजग प्रहरी और राजनीतिक दूरदृष्टा – का मानना है कि अगर सरकार और जनता साथ मिलकर काम करें, तो महाराष्ट्र को सुशासन और विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा हाल ही में जारी गुड गवर्नेंस इंडेक्स इस दिशा में एक ठोस कदम है. यह रिपोर्ट राज्य के प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता की भलाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मोहित कम्बोज भारतिया के अनुसार, यही समय है जब हर नागरिक एकजुट होकर एक समृद्ध और सशक्त महाराष्ट्र के निर्माण में भागीदारी निभाए.

इस रिपोर्ट में राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों के कामकाज का विस्तृत विश्लेषण किया गया है. यह सूचकांक यह दर्शाता है कि कहां सुधार की आवश्यकता है और किन क्षेत्रों में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है. कुल दस क्षेत्रों में प्रदर्शन को मापा गया है — कृषि, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास, सामाजिक विकास, आर्थिक प्रशासन, न्याय एवं सुरक्षा, पर्यावरण, और नागरिक-केंद्रित प्रशासन.


 



 

रिपोर्ट में यह सामने आया है कि मुंबई और उपनगरों ने वाणिज्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य और न्याय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है. यह उन क्षेत्रों की नीति-निर्माण क्षमता, कार्यान्वयन में पारदर्शिता और नागरिक सुविधाओं की बेहतर डिलीवरी को दर्शाता है.

शासन का बदलता चेहरा

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि अच्छा शासन सिर्फ सरकारी योजनाओं का निष्पादन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जनता की भागीदारी, प्रशासन की पारदर्शिता, और उत्तरदायित्व का स्पष्ट निर्धारण होता है. शासन ऐसा होना चाहिए जहां प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति या पृष्ठभूमि से हो, स्वयं को निर्णयों में शामिल महसूस करे.

इसी सोच के अंतर्गत महाराष्ट्र सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रिया को दो-स्तरीय निरीक्षण के दायरे में लाने का निर्णय लिया है. अब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हर महत्वपूर्ण सरकारी फाइल की समीक्षा करेंगे, जिसके बाद ही वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास अंतिम स्वीकृति के लिए जाएंगी. इस निर्णय से प्रशासनिक कार्यों में जवाबदेही और पारदर्शिता दोनों को मजबूती मिलेगी. यह व्यवस्था 2023 की एक पुरानी प्रणाली को फिर से लागू करती है, जो ‘मल्टी-लेवल चेक एंड बैलेंस’ सिस्टम को बढ़ावा देती है.

100 दिन की कार्य योजना: जनहित में ठोस परिणाम

मुख्यमंत्री फडणवीस ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि वे 100 दिन की कार्य योजना बनाएं और ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दें जो आम जनता के जीवन को सीधे प्रभावित करें. इस योजना में तकनीक का अधिकतम उपयोग, सरल प्रक्रिया, और स्पष्ट परिणाम तय किए गए हैं. इससे शासन और जनता के बीच रिश्ता और मजबूत होगा.

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हर जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है कि वे सुशासन के मूल सिद्धांतों को अपने कामकाज में उतारें. जाति, धर्म, लिंग या वित्तीय पक्षपात को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बजाय, न्याय, समावेशन, समान अवसर और शांति जैसे मूल्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

 

 

सुशासन: सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि जनजीवन का आधार

आज का शासन केवल योजनाएं लाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चय करना है कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. इसमें नागरिकों की भागीदारी, सूचना का खुला प्रवाह, जवाबदेही, संसाधनों का पारदर्शी उपयोग और सामाजिक न्याय शामिल है.

गुड गवर्नेंस इंडेक्स से यह स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र केवल अपनी उपलब्धियों का बखान नहीं कर रहा, बल्कि वह शासन प्रणाली को सुधारने के लिए ठोस आधार तैयार कर रहा है. इस रिपोर्ट से जिलों और विभागों को यह समझने में मदद मिलेगी कि वे कहां खड़े हैं और किन सुधारों की आवश्यकता है.

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