नई दिल्ली में कोहरे से ढकी सड़क पर यात्री (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता गुरुवार को आपातकालीन सीमा तक पहुंच गई, जिससे राजधानी में गैर-जरूरी निर्माण पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया और प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया.
ये उपाय केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के अंतिम चरण का निर्माण करते हैं और आदर्श रूप से राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 का आंकड़ा पार करने से कम से कम तीन दिन पहले सक्रिय किया जाना चाहिए, जैसा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा तैयार नीति दस्तावेज़ में बताया गया है.
दिल्ली सरकार ने भी छोटे बच्चों को स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक प्रदूषण से बचाने के प्रयास में सभी प्राथमिक विद्यालयों को दो दिनों के लिए बंद करने की घोषणा की है.
दिल्ली का AQI गुरुवार सुबह 10 बजे 351 से बढ़कर शुक्रवार सुबह 9 बजे 471 हो गया.
शहर का 24 घंटे का औसत AQI, प्रतिदिन शाम 4 बजे दर्ज किया गया, गुरुवार को 392, बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था.
कांग्रेस ने देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की और वायु प्रदूषण अधिनियम और वायु गुणवत्ता मानकों को सख्त और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उनमें व्यापक बदलाव का आह्वान किया.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वायु प्रदूषण (नियंत्रण और रोकथाम) अधिनियम 1981 में अस्तित्व में आया. उन्होंने कहा कि परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक की घोषणा अप्रैल 1994 में की गई और बाद में अक्टूबर 1998 में इसे संशोधित किया गया.
0 से 100 के AQI को अच्छा माना जाता है, जबकि 100 से 200 को मध्यम, 200 से 300 को खराब और 300 से 400 को बहुत खराब माना जाता है, जबकि 400 से 500 या इससे अधिक को गंभीर माना जाता है.
नोएडा में कई स्थानों पर AQI भी ``गंभीर`` श्रेणी में है, सेक्टर 62, सेक्टर 1 और सेक्टर 116 में AQI क्रमशः 483, 413 और 415 दर्ज किया गया है.
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