राहुल नार्वेकर की शिवसेना की अयोग्यता याचिका पर आसन्न फैसला बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. (Pics/Sameer Abdedi)
एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की कोशिश कर रहे शिवसेना समूहों द्वारा दायर क्रॉस-याचिकाएं पार्टी के अंदर गंभीर आंतरिक कलह के बाद उत्पन्न हुईं, जिसका प्रशासन की स्थिरता पर सीधा प्रभाव पड़ा.
इस फैसले का नतीजा एकनाथ शिंदे प्रशासन की नियति तय करेगा और पार्टी और राज्य के भीतर सत्ता की गतिशीलता को काफी हद तक बदल सकता है.
इस मामले में कानूनी लड़ाई का उचित हिस्सा देखा गया है, सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर हस्तक्षेप किया है, समय सीमा बढ़ाई है और महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है.
सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को अयोग्य ठहराने और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल करने में असमर्थता पर प्रकाश डाला क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट के बिना अपना इस्तीफा दे दिया था.
शिवसेना विवाद मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने की.
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि पीएम मोदी को फैसले के बारे में पहले से जानकारी थी और इसलिए वह गुरुवार को महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं.
राउत ने कहा कि आज शाम 4 बजे महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग होगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) अवैध रूप से सरकार चला रहे हैं. हमारे लिए तो वह अपराध है. उन्होंने आगे कहा, `वह एक आरोपी है.`
इन घटनाक्रमों के बीच, जनता सस्पेंस में है और एक ऐसे फैसले का इंतजार कर रही है जो न केवल राज्य के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा बल्कि प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाएगा.
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