नागपूरकर के लिए यह पल गर्व और सम्मान से भरा था, क्योंकि नागपुर की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है.
दिव्या देशमुख हाल ही में संपन्न महिला शतरंज विश्व कप में अपने शानदार प्रदर्शन के चलते खिताब जीतने वाली सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. उनके इस असाधारण प्रदर्शन को देखकर पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
नागपुर आगमन के बाद मीडिया से बात करते हुए दिव्या ने कहा, “मैं इस जीत का श्रेय सबसे पहले अपने माता-पिता, बहन और पूरे परिवार को देना चाहूंगी.`
दिव्या ने आगे कहा- `उनकी बिना शर्त सपोर्ट और विश्वास के बिना यह मुमकिन नहीं था. साथ ही मैं अपने कोच राहुल सर का भी विशेष धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे आत्मविश्वास से भरा.”
दिव्या के साथ उनके माता-पिता और बहन भी कार्यक्रम में मौजूद थे. माता-पिता की आंखों में गर्व के आंसू साफ नज़र आ रहे थे. दिव्या की मां ने बताया कि उन्होंने छोटी उम्र से ही दिव्या में कुछ विशेष देखा था, और जब उसने शतरंज को गंभीरता से लेना शुरू किया, तो परिवार ने हर कदम पर उसका साथ दिया.
स्थानीय प्रशासन और खेल विभाग की ओर से भी दिव्या को सम्मानित करने की योजना बनाई जा रही है. कई स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों ने भी दिव्या को अपनी प्रेरणा बताया है.
दिव्या की इस उपलब्धि ने ना सिर्फ नागपुर बल्कि पूरे महाराष्ट्र में उत्साह का माहौल बना दिया है.
युवाओं के लिए वह आज एक आदर्श बन चुकी हैं, जो यह संदेश देती हैं कि समर्पण, अनुशासन और परिवार का समर्थन हो तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.
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