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श्रावण महीने में भक्ति के साथ ऐसे रखें अपने सेहत का ख्याल

Updated on: 22 August, 2024 12:08 PM IST | Mumbai

श्रावण का महीना मानसून के मौसम के साथ आता है, जो शरीर को शुद्ध करने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक उपयुक्त समय होता है.

भक्ति के इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए जानकारी रखना और सही कदम उठाना बेहद जरूरी है.

भक्ति के इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए जानकारी रखना और सही कदम उठाना बेहद जरूरी है.

श्रावण भारत में एक विशेष और पावन महीना है जब भगवान शिव के भक्त उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्ति की राह पर चलते हैं. इस समय कई लोग विशेष प्रकार का भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें वे केवल फल, दूध या फिर बिना नमक, प्याज, लहसुन, अनाज का सेवन करते हैं. श्रावण का महीना मानसून के मौसम के साथ आता है, जो शरीर को शुद्ध करने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक उपयुक्त समय होता है. भक्तों की सहायता के लिए, स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला ब्रांड सफोला, खानपान की अच्छी आदतें और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक सोच पेश करता है, जो भक्ति को पोषण से जोड़ती है.

इस श्रावण के मौसम में आप इन तीन आसान चरणों को अपनी रोज़ की दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:


>> स्मार्ट फैट से अपने उपवास में ऊर्जा भरें: फैट ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है, जो आपको हल्का और जोश से भरपूर बनाए रखता है. अपनी डाइट में अच्छे फैट को शामिल करना एक अच्छा कदम है. खाने के बीच में बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता और मखाने खाएँ. ये खाद्य पदार्थ फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद करते हैं. अगर आप तले हुए स्नैक्स का आनंद लेना चाहते हैं, तो उन्हें संतुलित मात्रा में ही खाएँ और ऐसे स्नैक्स चुनें जो मिश्रित तेलों से बने हों जैसे कि सफोला गोल्ड. इसमें MUFA (मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड) और PUFA (पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड) के साथ-साथ आवश्यक विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो स्नैक्स खाने के अनुभव को बेहतर बनाते हैं. हालांकि, पाम ऑयल, डालडा और मार्गरीन से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि ये हानिकारक फैट आपको सुस्त बना सकते हैं और आपके उपवास के जोश को कम कर सकते हैं.


>> मौसमी और पौष्टिक फूड से अपना उपवास स्वाद भरा बनाएं: मौसमी फल-सब्जियाँ न केवल आपके उपवास के दौरान शरीर को ऊर्जा देती हैं बल्कि स्वास्थ्य के अनेक लाभ भी प्रदान करती हैं. अंगूर, लीची, नाशपाती, अनार, नारियल और सिंघाड़े जैसे ताजे फलों में फाइबर, आवश्यक पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं. इस पवित्र मौसम के दौरान ये आपको तरोताजा और हाइड्रेटेड बनाए रखने में मदद करते हैं. आप इन्हें ऐसे ही खा सकते हैं या फिर थोड़ा चाट मसाला छिड़क कर रंग-बिरंगे फलों की चाट बना सकते हैं या फिर ताज़ा फलों का जूस बना सकते हैं. मौसमी सब्जियाँ जैसे शकरकंद, लौकी, परवल, अरबी या टारो रूट से स्वादिष्ट पकवान बनाए जा सकते हैं, जैसे शकरकंद की टिक्की या अरबी की टिक्की. इन सब्जियों का मजा आप मिठाई के रूप में भी ले सकते हैं, जैसे लौकी की खीर या सिंघाड़े का शीरा. चाहे इन्हें ऐसे ही खाएं या इनके पकवान बनाएं, फल और सब्जियाँ आपको उपवास के दौरान स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेंगी.

>> खाने में नमक और चीनी का इस्तेमाल समझदारी से करें और अपना उपवास पूरा करें: उपवास के दौरान कम नमक और चीनी खाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. अधिक नमक खाने से डीहाइड्रेशन हो सकता है और ज्यादा मीठा खाने से कैलोरी बढ़ सकती है और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. इसलिए, इनका सेवन करते समय हमेशा ध्यान रखें और इनके विकल्पों का आनंद लें. उदाहरण के लिए, उपवास के दौरान चीनी की जगह गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जो आयरन से भरपूर होता है और यह आपके पकवानों को मीठा बनाता है. आप इसका इस्तेमाल हलवा, खीर या लस्सी में भी कर सकते हैं. खजूर को भी चीनी की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है और यह मीठा खाने की आपकी इच्छा को कम करने में मदद कर सकता है.


बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन करने से रक्तचाप का स्तर बढ़ सकता है, इसलिए स्वस्थ विकल्प चुनना जरूरी है. उपवास के दौरान आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक ले सकते हैं, जिसे रॉक सॉल्ट भी कहा जाता है. चिप्स, नमकीन और अचार जैसे ज्यादा सोडियम वाले स्नैक्स से बचना भी जरूरी है. इन आसान बदलावों से आप उपवास के दौरान स्वस्थ और ऊर्जावान रह सकते हैं.

भक्ति के इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए जानकारी रखना और सही कदम उठाना बेहद जरूरी है. खानपान की अच्छी आदतें अपनाना, जो आप खाते हैं उसके प्रति सचेत रहना और #RozKaHealthyStep लेना, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. आपका हर फैसला आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य में योगदान देता है. उपवास के बाद भी इन स्वस्थ आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल रखना एक समझदारी भरा फैसला है.

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