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बायकुला में टैंक बना मौत का फंदा, दम घुटने से 4 मजदूरों की हुई मौके पर दर्दनाक मौत

Updated on: 10 March, 2025 08:18 AM IST | mumbai
Apoorva Agashe | mailbag@mid-day.com

बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने घटना पर प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद, जांच के बारे में आगे का निर्णय लिया जाएगा.”

 Pics/Apoorva Agashe

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रविवार को बायकुला के नागपाड़ा में बिस्मिल्लाह स्पेस नामक निर्माणाधीन इमारत में पानी की टंकी साफ करते समय चार मजदूरों की दम घुटने से मौत के बाद जेजे मार्ग पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की. मजदूरों के परिवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए थे.

मृतकों की पहचान हसीबुल शेख, 19, राजा शेख, 20, जियाउल शेख, 36 और इमानदार शेख, 38 के रूप में हुई है. उनके एक साथी बुटन शेख, 31, जो चारों के मरने के बाद मौके पर पहुंचे, बच गए.


जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय काटे ने मिड-डे को बताया, "दोपहर करीब 12.30 बजे हमें सूचना मिली कि निर्माण स्थल पर पांच मजदूर बेहोश पड़े हैं. उन्हें जेजे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भर्ती होने पर चार को मृत घोषित कर दिया गया. मामले की जांच जारी है." जेजे मार्ग पुलिस के अनुसार, पानी की टंकी कई सालों से काम नहीं कर रही थी. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने कहा, "अकबर निरबान समूह निर्माण स्थल पर काम की देखरेख कर रहा था. हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए थे या नहीं." टंकी में पानी नहीं था, जिसके बारे में पुलिस को संदेह है कि उसमें जहरीली गैसें जमा हो गई होंगी. पुलिस अधिकारी ने कहा, "टंकी 10 फीट लंबी और 13 फीट चौड़ी थी."


शोक संतप्त व्यक्ति जियाउल शेख के भाई मरीउल शेख ने कहा, "मेरे भाई की दो बेटियाँ पश्चिम बंगाल में रहती हैं. अगर उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए होते तो वे अभी यहाँ होते. मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं." हसीबुल शेख के पिता शरीफुल शेख ने कहा, "हम नायगांव में रहते हैं, लेकिन हसीबुल पिछले आठ महीनों से निर्माण स्थल पर रह रहा था. वह हमारे लिए कुछ करना चाहता था ताकि उसके भाई-बहनों की पढ़ाई हो सके. हम मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल से हैं. मुझे नहीं पता कि मैं परिवार के बाकी सदस्यों से क्या कहूँगा. मैं अवाक हूँ.” अपनी आपबीती याद करते हुए, बचे हुए बुटन शेख ने कहा, “जब मैं अंदर गया, तो चार लोग बेहोश पड़े थे और मैं डर गया था और इसलिए मैंने मदद के लिए पुकारा. मुझे भी चक्कर आ रहा था, लेकिन फायर ब्रिगेड ने मुझे बचा लिया. हमें कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया था.”

अधिकारी की बात


बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने घटना पर प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद, जांच के बारे में आगे का निर्णय लिया जाएगा.” फायर ब्रिज के एक अधिकारी ने मिड-डे को बताया, “टैंक कचरे से भरा हुआ था. ऐसी स्थिति में, टैंक में ही जहरीली गैस बनती है, जिसे ठीक से बाहर निकालना जरूरी है.

इसके बाद, ऑक्सीजन के स्तर की जांच करना और फिर टैंक में प्रवेश करना जरूरी है. हालांकि, इस स्थिति में, संभावना है कि सावधानी नहीं बरती गई.” अधिकारियों के अनुसार, ऐसे टैंकों में हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और मीथेन जैसी जहरीली गैसों का उच्च स्तर होता है. मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अंबुलगेकर ने बताया कि फायर ब्रिगेड की टीम सही श्वास तंत्र पहनने के बाद टैंक में घुसी थी.

फिल्म सिटी रोड पर आग

रविवार शाम करीब 7 बजे गोरेगांव ईस्ट में फिल्म सिटी रोड पर वाघेश्वरी मंदिर के पास एक झुग्गी में आग लगने की खबर मिली. आग ग्राउंड फ्लोर की दुकानों और झुग्गियों तक ही सीमित थी. मुंबई फायर ब्रिगेड के मुताबिक, अस्थायी ढांचों की वजह से आग तेजी से फैली. प्रेस टाइम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था. स्थानीय पूर्व पार्षद प्रीति साटम ने कहा, "मैं मौके पर थी. आग लकड़ी के डिपो में लगी थी. देर शाम तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली."

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