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सांताक्रूज ईस्ट के कलिना में पानी की किल्लत, 30,000 लोग गंदे पानी और टैंकर माफिया से परेशान

Updated on: 02 October, 2024 10:28 AM IST | Mumbai
Shirish Vaktania | mailbag@mid-day.com

सांताक्रूज ईस्ट के कलिना में करीब 30,000 लोग पिछले एक महीने से पानी की कमी से जूझ रहे हैं. बीएमसी द्वारा पानी की आपूर्ति नहीं होने के कारण निवासियों को महंगे पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.

मणि पाड़ा चॉल के निवासियों का दावा है कि उन्हें पिछले दो दिनों से पानी नहीं मिला है. Pics/Anurag Ahire.

मणि पाड़ा चॉल के निवासियों का दावा है कि उन्हें पिछले दो दिनों से पानी नहीं मिला है. Pics/Anurag Ahire.

सांताक्रूज ईस्ट के कलिना में करीब 30,000 निवासी पिछले एक महीने से पानी की कमी से जूझ रहे हैं. बीएमसी से लगातार पानी की आपूर्ति नहीं होने के कारण निवासियों को महंगे पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पिछले 30 दिनों में प्रति सोसायटी 40,000 से 50,000 रुपये खर्च हो रहे हैं. बीएमसी और टैंकर माफिया के बीच बढ़ते गठजोड़ के आरोपों ने स्थानीय लोगों को निराश कर दिया है, क्योंकि उन्हें गंदे, बदबूदार पानी और बढ़ती लागत का सामना करना पड़ रहा है.

कलिना के सुंदर नगर और मणि पाड़ा इलाकों में गणपति उत्सव से पहले ही पानी की कमी शुरू हो गई थी. पानी का दबाव पहले से ही बहुत कम था, लेकिन दिन-ब-दिन निवासियों को गंदा और बदबूदार पानी मिलने लगा. इन समस्याओं के कारण उन्हें पीने का पानी भी अलग से खरीदना पड़ रहा है. मिड-डे को मंगलवार को कलिना निवासियों की शिकायत मिली. मिड-डे ने इलाके का दौरा किया और पाया कि झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों सहित सभी सोसायटियों में बीएमसी का पानी नहीं है और टैंकर हर सोसायटी में पानी की टंकियों को फिर से भर रहे हैं.


राज कुटीर सोसाइटी


राज कुटीर सोसाइटी पिछले एक महीने से टैंकर सप्लाई पर निर्भर है, पानी के टैंकरों पर करीब 50,000 रुपये खर्च कर रही है. सोसाइटी के चेयरमैन मुकुंदन नायर ने कहा, "हम रोजाना बीएमसी से एक टैंकर मंगवाते हैं और इसके लिए 1,500 रुपये देते हैं. निजी टैंकर वाले ज्यादा पैसे लेते हैं और उनका पानी गंदा और बदबूदार भी होता है. यह समस्या गणपति उत्सव से पहले शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है. हमने पिछले 30 दिनों में पानी के टैंकरों पर करीब 45,000 रुपये खर्च किए हैं. अगर बीएमसी पानी की आपूर्ति करने में विफल रहती है तो उसे मुफ्त में पानी उपलब्ध कराना चाहिए."

सिद्धिविनायक सोसाइटी


सुंदर नगर के निवासियों को भी पिछले एक महीने से पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने मिड-डे को बताया कि वे 10,000 लीटर पानी के लिए 3,000 रुपये का भुगतान कर रहे हैं और दो टैंकर मंगवा रहे हैं. निवासी बाहरी स्रोतों से पीने का पानी खरीद रहे हैं. एक निवासी, शिक्षिका श्रुति सोंथालिया ने कहा, "हमें टैंकर से गंदा पानी मिलता है, जो पीने के लिए उपयुक्त नहीं है. हम केवल बर्तन धोने के लिए टैंकर के पानी का उपयोग करते हैं. बीएमसी का पानी रोजाना मुश्किल से एक घंटे के लिए आता था, लेकिन अब पूरी तरह से बंद हो गया है." समा पटेल ने कहा, "हम रोजाना 6,000 रुपये पानी पर खर्च कर रहे हैं, जिसे हम पी नहीं सकते, और पीने का पानी भी खरीद रहे हैं." एक अन्य निवासी, सुचिता भट्ट ने कहा, "हम गणपति के बाद से इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और अब नवरात्रि आ रही है. हम पानी के लिए बेताब हैं." सम्राट एसआरए सीएचएस लगभग 100 निवासियों को पिछले 30 दिनों से पानी नहीं मिला है. वे 10,000 लीटर के लिए 4,000 रुपये में टैंकर से पानी खरीद रहे हैं. मिड-डे से बात करते हुए, सोसायटी के अध्यक्ष सुनील साल्वी ने कहा, "हमें टैंकरों से बदबूदार गंदा पानी मिल रहा है. टैंकर माफिया हमारा शोषण कर रहे हैं. बीएमसी को जल्द से जल्द इस समस्या को हल करने की जरूरत है." समिति के सदस्य विजय महादिक ने कहा, "हमें पिछले एक महीने से पीने का पानी नहीं मिला है. बीएमसी अधिकारी फटे पाइप, क्षतिग्रस्त लाइनों और टूटे वाल्वों को पानी की कमी का कारण बताते रहते हैं. ये बहाने झूठे और निराधार हैं. बीएमसी और टैंकर माफिया के बीच सांठगांठ है." बाबू निवास निवासी राजेश्री अनिल जाधव ने कहा, "हमें रोजाना सिर्फ 15 मिनट के लिए बीएमसी का पानी मिलता है और वह पानी गंदा और बदबूदार होता है. हमें इसे पीने से पहले उबालना पड़ता है." तेजस्विनी सोसायटी सोसायटी सचिव ने कहा, "हमने सितंबर में टैंकरों पर करीब 40,000 रुपये खर्च किए. हम रोजाना 20,000 लीटर पानी मंगवाते हैं. हमारी सोसायटी में कई मरीज और बुजुर्ग रहते हैं. हमें मुफ्त में साफ पानी मिलना चाहिए." मणि पाड़ा चॉल

मणि पाड़ा में करीब 1,000 निवासियों को पिछले दो दिनों से पानी नहीं मिल रहा है. वे नहा भी नहीं पा रहे हैं. निवासी गणपत गायकवाड़ ने कहा, "मैंने पिछले दो दिनों से नहाया नहीं है. संकरी गलियों के कारण टैंकर हमारे चॉल के अंदर नहीं आ सकते." एक अन्य निवासी अनीता वाघमारे ने कहा, "हम विरोध करेंगे. हम टैंकरों और दुकानों से पानी खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते."

बीएमसी ने पानी की कमी से किया इनकार

बीएमसी के डिप्टी हाइड्रोलिक इंजीनियर मंगेश शेवाले ने इलाके में किसी भी तरह की कमी से साफ इनकार करते हुए कहा, "हमारी आपूर्ति बरकरार है." हालांकि, जब पत्रकारों ने उन्हें पानी की गंभीर कमी के सबूत दिए, तो उन्होंने अपना सुर बदल दिया. उन्होंने कहा, "हम इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं और इसे जल्द से जल्द हल करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे इंजीनियर कल कलिना इलाके का दौरा करेंगे और सभी कनेक्शन और आपूर्ति टैंकों की जांच करेंगे."

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