जुचंद्र गांव में कोंबड होली के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रेला देखने को मिलता है. इसका अनुभव इस साल भी हुआ.
भले ही जुचंद्र के ग्रामीण चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दल हो लेकिन वे सभी होली पर साथ आकर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
कोंबड होली के पीछे उद्देश्य होता है कि `एक गांव एक होली`, साथ ही स्थानीय रहवासियों को एक साथ ले कर होली का उत्सव मनाया जाए.
जुचंद्र नायगांव के पूर्व में स्थित लगभग 40,000 से ज्यादा लोगों की आबादी वाला एक गांव है. यह गांव रंगोली के साथ-साथ कलाकारों के गांव के नाम से भी मशहूर है. यहां पर नाटककार, गायक, कवि, लेखक, विभिन्न राजनीतिक क्षेत्रों के मंडली, सामाजिक कार्यकर्ता उभरे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि इतनी आबादी के बावजूद सालों से जुचंद्र गांव ने `एक गांव, एक होली` की परंपरा को बरकरार रखा है.
होली उत्सव में वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं के साथ युवाओं ने भी हर्षोल्लास के साथ भाग लेते हैं.
कोंबड होली के दौरान मुख्य अथिति के तौर पर जनार्दन म्हात्रे (उप जिल्हा प्रमुख, पालघर), किरण म्हात्रे (शहर प्रमुख, नांयगांव,पूर्व), विनय पाटील (अध्यक्ष,ब.वि.आ.जूचंद्र), विवेकानंद पाटील (संचालक,मा.अ.को.ऑ.बॅंक), दयानंद गावडे (अध्यक्ष,आ.वि.परिषद,जूचंद्र), मोरेश्वर पाटील (माजी अध्यक्ष आ.वि.परिषद जूचंद्र) उपस्थित थे.
साथ ही शरद म्हात्रे, जितेंद्र म्हात्रे, शशि पाटील, हरीकिसन म्हात्रे, नंदू म्हात्रे, अनिल म्हात्रे, महिला आघाडी शहर संघटिका चरणा म्हात्रे और असंख्य ग्रामस्थ व महिला वर्ग शामिल होते नजर आए.
उत्सव का स्वरूप कोंबड होली और बड़ी होली का है. इस समय गांव के ग्रामीण एकत्रित होकर अच्छे स्वास्थ्य और उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं.
ये कार्यक्रम जुचंद्र धार्मिक सेवा संगठन की ओर से आयोजित किया गया है.
ADVERTISEMENT