प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है. (Pics/Shadab Khan)
उनका आरोप है कि कई वर्षों से अपील और याचिकाएं दायर करने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकला है.
आनंद नगर के झुग्गीवासियों के अनुसार, पुनर्विकास योजनाओं को लेकर उन्हें बार-बार आश्वासन तो दिया गया, लेकिन वास्तविक कार्य ज़मीन पर शुरू नहीं हुआ. इसी निराशा के चलते उन्होंने भूख हड़ताल का कदम उठाया.
प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय समुदाय से भी इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की अपील की है. वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से लें और उनके पुनर्वास के लिए ठोस समाधान पेश करें.
भूख हड़ताल में शामिल लोग अधिकारियों से स्पष्ट कार्ययोजना और पुनर्विकास की समयसीमा तय करने की मांग कर रहे हैं.
वे चाहते हैं कि इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के बजाय मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए और उनकी आवास और बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं का हल जल्द निकाला जाए.
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