राहुल गांधी ने कहा, `संविधान कोई किताब नहीं बल्कि गरीबों, आदिवासियों, दलितों, आम नागरिकों के अधिकारों का दस्तावेज है.`
उन्होंने कहा, `यह लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए है. बीजेपी सांसद सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि सत्ता में आने पर संविधान बदल दिया जाएगा. कोई भी शक्ति संविधान को नहीं बदल सकती.`
सभा में राहुल ने आगे बताया कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने 10 साल में किसानों का कर्ज माफ नहीं किया लेकिन भारत अघाड़ी सरकार आते ही किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया जाएगा. इसके लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा. इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि किसानों को एक या की बार कर्ज माफ हो सकता है.`
उन्होंने बताया कि, `किसानों के साथ-साथ देश की गरीब महिलाओं के लिए भी लखपति बनाया जाएगा. गरीब परिवार की महिला के बैंक खाते में सीधे 1 लाख रुपये जमा किए जाएंगे. बेरोजगारी को दूर करने के लिए नया कानून बनाया जाएगा और स्नातकों, डिप्लोमा धारकों को प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी और उन्हें एक साल में एक लाख रुपये दिए जाएंगे. एक साल के प्रशिक्षण के बाद देश में प्रशिक्षित युवा सेना तैयार होगी.`
राहुल गांधी ने कहा, `नरेंद्र मोदी ने देश के 22 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया. उन्होंने नोटबंदी से कालाधन हटाने का वादा किया था, लेकिन इसका फायदा भी सिर्फ मोदी के दोस्तों को ही हुआ. जीएसटी का पैसा जनता से वसूल कर मुट्ठी भर उद्योगपतियों की जेब में डाल दिया गया. नरेंद्र मोदी गरीबों के नहीं अरबपतियों के नेता हैं. जब मोदी डर जाते हैं तो झूठ बोलना शुरू कर देते हैं. चुनावी बॉन्ड में भ्रष्टाचार पकड़े जाने के बाद मोदी की चिंता बढ़ गई है.`
उन्होंने बताया कि `नरेंद्र मोदी सरकार दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी है. भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहकर अपमानित करती है. अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में देश के राष्ट्रपति को इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वो आदिवासी हैं. संसद के उद्घाटन में भी मोदी को नहीं बुलाया गया.`
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि `बीजेपी आदिवासी समुदाय के साथ अन्याय करती है लेकिन कांग्रेस पार्टी आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए जातिवार जनगणना और सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण कराने का क्रांतिकारी फैसला लेगी.`
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