अजीत पवार गुट के सुनील तटकरे का उनके समर्थकों ने भव्य तरीके से स्वागत किया.
तटकरे ने आयोजित सभा में कहा कि `सफलता से न घबराएं, जमीन पर पैर रखें और जनता के लिए काम करें.`
उन्होंने कहा, `जब तक चंद्र-सूर्य हैं, संविधान नहीं बदलेगा, लेकिन विपक्ष ने जनता के मन में जो नकारात्मकता पैदा की है, उसमें वे सफल रहे और हम कहीं न कहीं पीछे रह गए. इस कारण कुछ तत्वों ने महायुती से मुंह मोड़ लिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया.`
उन्होंने यह भी कहा कि `यह पहली लोकसभा चुनाव थी जिसमें समाज में विभाजन उत्पन्न हुआ. छत्रपति शिवाजी महाराज ने अठरापगड जातियों को साथ लेकर हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की थी, उसी आदर्श को अपनाते हुए महायुती सरकार राज्य में काम कर रही है.`
तटकरे ने स्पष्ट किया कि वह केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद नहीं हैं, बल्कि महायुती के सांसद के रूप में कार्य करेंगे. सहानुभूति केवल एक बार आती है और बार-बार नहीं आती, इसलिए अब हमें अपने किए गए विकास कार्यों के आधार पर जनता के सामने जाना है.`
तटकरे ने बताया, `कोकण का यह बालेकिल्ला बरकरार रखने में हमें सफलता मिली है. मतों का प्रतिशत कम क्यों हुआ, इसका अध्ययन करेंगे और जिन्होंने सहयोग नहीं किया, उन्हें साथ लेकर आगामी विधानसभा चुनावों में छह विधायकों को जीताने का प्रयास करेंगे.`
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