बाबा रामदेव ने संग्राम सिंह को नसीहत देते हुए बातचीत की.
बाबा रामदेव ने आगे कहा कि हमारे जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. वे कहते हैं, `संग्राम अथवा संघर्ष तो हमेशा ही रहने वाला है. बात चाहे मेरी हो, आपकी हो, प्रधानमंत्री मोदी की हो, भगवान श्री राम की या फिर सर्वप्रिय श्री कृष्ण की हो, संघर्ष हमेशा से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहा है. हमेशा अपनी सोच को सकरात्मक रखें और उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ें. अगर ज़िंदगी के प्रति आपका यही नज़रिया रहा तो फिर आपका बचपन हो या पचपन की उम्र हो, दोनों में किसी तरह का कोई अंतर नहीं होगा.`
बाबा रामदेव ने फलों और फलों से निकलने वाले रस से सेहत को होने वाले फ़ायदे बताते हुए उदाहरण दिया और कहा कि ज़रूरत है कि आज के युवा सनातनी योद्धा संग्राम सिंह के लिए खड़ें हों, उन्हें सपोर्ट करें और फ़िट इंडिया मूवमेंट में उनका साथ दें. सेहत से जुड़ी एक कंपनी को खड़ा करने की संग्राम सिंह की चाहत को लेकर बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, `धीरज का फल मीठा होता है. कॉरपोरेट गवर्नेंस, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व किसी भी कंपनी की कामयाबी की बुनियाद हैं.` इसी के साथ बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि आज वो जिस मुकाम पर खड़े हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्हें 10 साल का समय लगा था.
उन्होंने कहा, `आपके पास USP होना ज़रूरी है और फिर उसे बेहतर करते जाना भी ज़रूरी है." बाबा रामदेव ने कामयाबी का मंत्र देते हुए कहा, "पहले आम लोगों को बढ़िया सेवाएं प्रदान करने के उम्दा रणनीति बनाना, फिर मध्यम वर्ग को सेवाएं प्रदान करना और फिर उच्च वर्ग को सेवाएं देने के बारे में सोचना अहम और सफलता का रास्ता साबित हो सकता है.`
वे कहते हैं, `लाभ कमाने से ज़्यादा लोगों को अच्छी सेवाएं मुहैया कराना आपका पहला उद्देश्य होना चाहिए. जब आप अपने मूल्यों से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करते हो और हर बाधा को पार करने की हिम्मत रखते हो तो ऐसे में कामयाबी मिलना तय है." उल्लेखनीय है कि बाबा रामदेव की इन बातों को सुनकर संग्राम सिंह को काफ़ी हौसला मिला और उन्होंने एक नये जोश के साथ भारत को गौरवान्वित करने का प्रण लिया.
संग्राम सिंह बहुत ही जल्द फिल्म `उड़ान जिंदगी की` में दिखाई देनेवाले हैं . ये फिल्म उनकी कमर्शियल सोलो फ़िल्म हैं जहां वो 25 साल के युवा पहलवान का रोल अदा कर रहे है. फिल्म व्रेस्लिंग बैकग्राउंड पर आधारित एक बाप और बेटे के बीच की भावनात्मक कहानी हैं जो आजकी युवा पीढ़ी को इंस्पायर करेगी. फिल्म 21 फरवरी को रिलीज होगी.
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