बाबा रामदेव ने आगे कहा कि हमारे जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. वे कहते हैं, `संग्राम अथवा संघर्ष तो हमेशा ही रहने वाला है. बात चाहे मेरी हो, आपकी हो, प्रधानमंत्री मोदी की हो, भगवान श्री राम की या फिर सर्वप्रिय श्री कृष्ण की हो, संघर्ष हमेशा से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहा है. हमेशा अपनी सोच को सकरात्मक रखें और उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ें. अगर ज़िंदगी के प्रति आपका यही नज़रिया रहा तो फिर आपका बचपन हो या पचपन की उम्र हो, दोनों में किसी तरह का कोई अंतर नहीं होगा.`